Vat Purnima 2025 Date: जानिए वट पूर्णिमा तिथि

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vat purnima

जानिए Vat Purnima Vrat 2025, 10 जून, मंगलवार को कितने बजे मनाया जाएगा। यह दिन हिंदू धर्म में विवाहित महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखता है। इस दिन महिलाएं अपने पतियों की लंबी उम्र और भलाई के लिए व्रत रखती हैं।

Table of Contents

Vat Purnima Vrat का महत्व (Importance of Vat Purnima)

Vat Purnima का Vrat सावित्री और सत्यवान की अमर कथा पर आधारित है। इस कथा में सावित्री ने अपनी भक्ति और बुद्धिमत्ता से यमराज को अपने पति सत्यवान की जान लौटाने के लिए मजबूर कर दिया था। इसलिए, महिलाएं इस व्रत को अपने पतियों की लंबी उम्र और स्वास्थ्य के लिए रखती हैं।

Vat Purnima का उत्सव विशेष रूप से महाराष्ट्र, गुजरात, और दक्षिणी भारत के कई राज्यों में मनाया जाता है। वट पूर्णिमा की पूजा ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन की जाती है, जबकि कुछ क्षेत्रों में इसे ज्येष्ठ अमावस्या के दिन मनाया जाता है।

Vat Savitri Purnima Date & Mahurat 2025-वट सावित्री पूर्णिमा 2025 तारीख, शुभ मुहूर्त

OccasionDateDayStart TimeEnd Time
Vat Purnima 2025June 10, 2025Tuesday11:35 a.m. (
10 June)
01:13 p.m.
(11 June)
Vat Savitri Amavasya 2025May 26 & 27, 2025Monday & Tuesday12:11 p.m.
(26 May)
08:31 a.m.
(27 May)
Vat Purnima Date & Time

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Vat Purnima Puja Thali (Vat Purnima पूजा सामग्रियां/थाली)

vat purnima puja thali

Vat Purnima पूजा के लिए आपको निम्नलिखित सामग्रियों की आवश्यकता होगी:

  1. वट वृक्ष का पत्ता (Banyan tree leaf)
  2. सिंदूर (Vermillion)
  3. हल्दी (Turmeric)
  4. चंदन (Sandalwood)
  5. कुमकुम (Kumkum)
  6. धागा (Thread) – पीला या लाल (Yellow or Red)
  7. मिठाई (Sweets)
  8. फल (Fruits) – आम (Mango), केला (Banana), आदि
  9. पूजा थाली (Puja Thali)

ये सभी सामग्री पूजा की पवित्रता और महत्वपूर्णता को बनाए रखने में मदद करती हैं। इनका उपयोग पूजा के दौरान सही तरीके से किया जाना चाहिए।

Vat Purnima Puja Vidhi (Vat Purnima पूजा विधि)

Vat Purnima की पूजा विधि इस प्रकार है:

  1. स्नान और तैयारी (Bath and Preparation): पूजा से पहले स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
  2. वट वृक्ष की पूजा (Worship of Banyan Tree): वट वृक्ष के पास जाएं, वहां एक थाली में पूजा सामग्री रखें। वट वृक्ष के नीचे सावित्री और सत्यवान और यम की मिट्टी की मूर्तियां स्थापित कर पूजा करें.
  3. वट वृक्ष के चारों ओर धागा बांधना (Tying Thread around Banyan Tree): वट वृक्ष के चारों ओर पवित्र धागा बांधें और सात बार परिक्रमा करें।
  4. प्रसाद अर्पण (Offering Prasad): वृक्ष को फल और मिठाई अर्पित करें।
  5. प्रार्थना और कथा (Prayer and Story): सावित्री और सत्यवान की कथा सुनें और प्रार्थना करें। कथा सुनने के बाद चना, गुड़ का बायना निकालकर उस पर सामर्थ्य अनुसार रुपये रखकर अपनी सास या सास के समान किसी सुहागिन महिला को देकर उनका आशीर्वाद लें.

इस पूजा विधि के पालन से आप व्रत के महत्व को समझ सकते हैं और अपने जीवन में शुभता और समृद्धि ला सकते हैं।

Vat Purnima Mehndi Designs (Vat Purnima मेहंदी डिज़ाइन)

vat purnima mehndi design

Image credit: Pinterest

Vat Purnima के अवसर पर महिलाएं अपने हाथों में सुंदर mehndi designs बनाती हैं। मेहंदी डिज़ाइन न केवल सुंदरता का प्रतीक है बल्कि यह शुभता और त्योहार की खुशियों को भी दर्शाता है।

Vat Purnima Quotes for Husband (Vat Purnima के उद्धरण पति के लिए)

  • “आपकी लंबी उम्र और खुशहाल जीवन की कामना करती हूं।”
  • “आपकी भलाई और दीर्घायु के लिए प्रार्थना करती हूं।”
  • “आप हमेशा स्वस्थ और खुश रहें।”
  • “आपके साथ हर पल आनंदमय हो।”

इन उद्धरणों के माध्यम से आप अपने पति के प्रति अपनी भावनाओं को सरल और सजीव तरीके से व्यक्त कर सकती हैं।

Vat Purnima Rangoli (Vat Purnima रंगोली)

vat purnima rangoli

Vat Purnima के अवसर पर महिलाएं अपने घरों के आंगन में सुंदर rangoli बनाती हैं। रंगोली त्योहार की शोभा को बढ़ाती है और घर में खुशियां और सकारात्मकता लाती है।

Vat Purnima Wishes in Marathi

“सावित्रीच्या निष्ठेचं दर्पण

बांधुनी जन्मोजन्मीचे बंधन

करते सातजन्माचे समर्पण

वटपौर्णिमेच्या शुभेच्छा!”


“जन्मोजन्मी असाच तुमचा सहवास लाभो मला

वटपौर्णिमा सणाच्या मनःपूर्वक शुभेच्छा!”


“सण आहे सौभाग्यचा,

बंध आहे अतूट नात्याचा

या शुभदिनी पूर्ण होवोत तुमच्या सर्व इच्छा

वटपौर्णिमेच्या हार्दिक शुभेच्छा!”


“लग्नाच्या पवित्र नात्याने बांधली गेली जन्माची गाठ

अशीच कायम राहो आपली दृढ साथ …

वटपौर्णिमेच्या खूप शुभेच्छा!”


“वटपौर्णिमेचा दिवस हा खास…

लागून राहिली आहे साता जन्माची आस!

वटपौर्णिमेच्या खास शुभेच्छा”


“सप्तपदींच्या सात फेर्‍यांनी बांधलं हे प्रेमाचं बंधन,

जन्मोजन्मी राहो असेच कायम,

नजर न   लागो  या संसाराला,

दरवर्षी अशीच येवो ही वटपौर्णिमेची घडी कायम

वटपौर्णिमेच्या हार्दिक शुभेच्छा!”


“दोन क्षणाचे भांडण

सात जन्माचे बंधन

लाभून तुमची साथ झाले मी पावन

नेहमी आनंदी राहो आपले सहजीवन

वटपौर्णिमेच्या खूप खूप शुभेच्छा!”


Vat Purnima Quotes for Husband

“आए तो संग लाए खुशियां हज़ार

हर साल मनाएं हम यह त्योहार

भर दे हमारा दामन खुशियों के साथ

दे जाए उम्र तुम्हें हज़ार-हज़ार साल

वट सावित्री पूर्णिमा 2025 की शुभकामनाएं|”


रखा है व्रत मैंने

बस एक ख्वाहिश के साथ

लंबी हो उम्र आपकी और हर जन्म में मिले

एक दूजे का साथ

वट सावित्री पूर्णिमा की शुभकामनाएं|


सावित्री व्रत आया है

खुशियां हजार लाया है

हर सुहागन ने पति की खुशहाली के लिए

शंकर जी से वरदान पाया है

वट सावित्री पूर्णिमा की शुभकामनाएं|


वट वृक्ष से बांधी है कच्चे सूत की डोर

पति-पत्नी के जीवन में हमेशा हो खुशियों की भोर

कभी न टूटे ये सुंदर संबंध की डोर

वट सावित्री पूर्णिमा की शुभकामनाएं|


इन शुभकामनाओं के माध्यम से आप अपने प्रियजनों के साथ इस त्योहार की खुशियां साझा कर सकते हैं।

Vat Purnima Katha (Vat Purnima कथा)

Vat Purnima की कथा सावित्री और सत्यवान की अमर प्रेम कहानी पर आधारित है। इस कथा में सावित्री ने अपनी भक्ति और बुद्धिमत्ता से यमराज को अपने पति सत्यवान की जान लौटाने के लिए मजबूर कर दिया था।

vat purnima katha

कथा का सारांश (Summary of the Story)

सावित्री, जो एक राजकुमारी थी, ने सत्यवान से विवाह किया। सत्यवान के जीवन में एक वर्ष बाद ही उनकी मृत्यु का पूर्वानुमान था। सावित्री ने अपने पतिव्रता धर्म और भक्ति के बल पर यमराज से अपने पति की जान बचाई। इस कथा से हमें सच्चे प्रेम और समर्पण का संदेश मिलता है।

Vat Purnima History (Vat Purnima का इतिहास)

Vat Purnima का इतिहास हिंदू धर्म की प्राचीन कथाओं से जुड़ा हुआ है। यह त्योहार सावित्री और सत्यवान की कथा पर आधारित है, जिसमें सावित्री ने अपने पति की जान बचाने के लिए यमराज से लड़ाई की थी।

इतिहास की विशेषताएं (Features of History)

  • सावित्री और सत्यवान की कथा (Story of Savitri and Satyavan)
  • पतिव्रता धर्म का महत्व (Importance of Pativrata Dharma)
  • वट वृक्ष का धार्मिक महत्व (Religious Significance of Banyan Tree)

इस त्योहार का इतिहास हमें हिंदू धर्म की महान परंपराओं और कथाओं के बारे में जानकारी देता है और हमें अपने रिश्तों में प्रेम और सम्मान बनाए रखने की प्रेरणा देता है।

Vat Purnima – Frequently Asked Questions

Vat Purnima-वट पूर्णिमा क्या है?

वट पूर्णिमा एक हिंदू त्यौहार है जिसमें विवाहित महिलाएं अपने पतियों की दीर्घायु और कल्याण के लिए व्रत रखती हैं।

Vat Purnima-वट पूर्णिमा 2025 कब है?

वट पूर्णिमा 2025 का पर्व 10 जून, मंगलवार को मनाया जाएगा।

वट पूर्णिमा में वट वृक्ष का क्या महत्व है?

वट वृक्ष हिंदू धर्म के तीन प्रमुख देवताओं – ब्रह्मा, विष्णु, और शिव का प्रतीक है। इसे धार्मिक महत्व और दीर्घायु और स्थिरता के प्रतीक के रूप में पूजा जाता है।

Vat Purnima-वट पूर्णिमा और Vat Savitri- वट सावित्री में क्या अंतर है?

वट पूर्णिमा और वट सावित्री विभिन्न कैलेंडरों के आधार पर अलग-अलग दिनों में मनाए जाते हैं। वट पूर्णिमा ज्येष्ठ पूर्णिमा के दौरान मनाई जाती है, जबकि वट सावित्री ज्येष्ठ अमावस्या के दौरान मनाई जाती है।

वट पूर्णिमा के प्रमुख अनुष्ठान क्या हैं?

प्रमुख अनुष्ठानों में स्नान करना, वट वृक्ष की पूजा करना, इसके चारों ओर पवित्र धागा बांधना, प्रसाद चढ़ाना और सावित्री और सत्यवान की कथा सुनना शामिल हैं।

क्या Unmarried Women-अविवाहित महिलाएं वट पूर्णिमा मना सकती हैं?

अविवाहित महिलाएं भविष्य में अच्छे पति के लिए प्रार्थना करने के लिए व्रत रख सकती हैं।

वट पूर्णिमा पूजा के लिए कौन-कौन से सामान चाहिए?

मुख्य सामानों में वट वृक्ष की पत्तियाँ, सिंदूर, हल्दी, चंदन, कुमकुम, पवित्र धागा, मिठाई और फल शामिल हैं।

वट पूर्णिमा के पीछे की कथा क्या है?

यह कथा सावित्री पर आधारित है, जिसने यमराज को अपने पति सत्यवान की जान वापस करने के लिए मजबूर किया।

वट पूर्णिमा पर व्रत रखने का क्या महत्व है?

वट पूर्णिमा पर व्रत रखने से माना जाता है कि यह पतियों के लिए शुभ और समृद्धि का आशीर्वाद लाता है।

Conclusion/सारांश

वट पूर्णिमा, एक ऐसा त्यौहार है जो महान श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह विवाहित महिलाओं के अपने पतियों के प्रति अनंत प्रेम और समर्पण का प्रतीक है। इस त्यौहार से जुड़े अनुष्ठान, कहानियाँ और परंपराएँ हमारी सांस्कृतिक धरोहर को समृद्ध बनाते हैं और वैवाहिक बंधन को मजबूत करते हैं। व्रत रखने और पूजा में भाग लेने के माध्यम से, महिलाएं अपने पतियों की दीर्घायु और समृद्धि के लिए आशीर्वाद मांगती हैं। यह त्यौहार न केवल धार्मिक महत्व को दर्शाता है बल्कि प्रतिभागियों के बीच एकता और भक्ति की भावना को भी बढ़ावा देता है। विश्वास, प्रेम और आनंद के साथ वट पूर्णिमा मनाएं और इसके साथ आने वाली समृद्ध परंपराओं को अपनाएं।

पहली बार Vat Purnima Vrat पूजा कैसे करे

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🌍 विदेशों में वट पूर्णिमा 2025 कैसे मनाएं घर पर?

(How to Celebrate Vat Purnima 2025 at Home Abroad)

अमेरिका, कनाडा, यूके, ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में वट वृक्ष आसानी से उपलब्ध नहीं होता, परंतु आप इस पावन व्रत को पूर्ण श्रद्धा और विधि-विधान से घर पर भी कर सकती हैं। यहाँ हम बता रहे हैं कि “Vat Purnima Date 2025” को ध्यान में रखते हुए कैसे यह व्रत विदेशों में भी पारंपरिक तरीके से किया जा सकता है।

📅 1. सबसे पहले जानें: वट पूर्णिमा की तिथि 2025 (Vat Purnima Date 2025)

विदेश में समय क्षेत्र अलग होने के कारण, भारत के अनुसार वट पूर्णिमा की तिथि (vat purnima date) पता करें। आप द्रिक पंचांग, टाइम एंड डेट, या भारतीय मंदिर की वेबसाइट की मदद ले सकती हैं।


🛍️ 2. पूजन सामग्री की व्यवस्था कैसे करें?

यदि आप भारत से दूर हैं, तो ये चीजें स्थानीय स्टोर या ऑनलाइन मिल सकती हैं:

  • लाल या पीला कलावा (धागा)
  • मिट्टी का छोटा वटवृक्ष या तुलसी का पौधा
  • वट सावित्री कथा पुस्तक (या PDF/ऑडियो फॉर्म)
  • फल, मिठाई, सिंदूर, कुमकुम, चावल, जल का पात्र, धूप, दीपक

💡 बनयान ट्री ना हो तो आप गमले में लगा कोई बड़ा पौधा या तुलसी का पौधा प्रतीक रूप में प्रयोग कर सकती हैं। कुछ महिलाएं पेड़ का चित्र या पोस्टर भी इस्तेमाल करती हैं।


🙏 3. पूजा विधि (Step-by-Step Vat Purnima Puja at Home)

  1. स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। साड़ी या पारंपरिक परिधान पहनना शुभ माना जाता है।
  2. अपने घर में शांत और पवित्र स्थान पर पौधे/वृक्ष का प्रतीक रखें।
  3. थाली में पूजा सामग्री सजाएं – रोली, चावल, जल, फल, मिठाई, धूप-दीप।
  4. कलावा या लाल धागा लें और वृक्ष के चारों ओर 7 बार परिक्रमा करें, हर परिक्रमा के साथ पति की लंबी उम्र की कामना करें।
  5. वट सावित्री व्रत कथा पढ़ें या श्रवण करें। आप YouTube, Spotify, या Google से PDF फॉर्म में कथा ले सकती हैं।
  6. दीपक जलाएं और अंत में आरती करें।
  7. प्रसाद बांटें और अंत में भगवान वटवृक्ष और सावित्री-सत्यवान को प्रणाम करें।

🪔 4. यदि अकेली हों तो क्या करें?

  • आप ऑनलाइन ग्रुप पूजा में शामिल हो सकती हैं – कई मंदिर ज़ूम पर पूजा आयोजित करते हैं।
  • ऑडियो गाइडेड कथा सुनते हुए पूजा करें।
  • घर में पति की तस्वीर के सामने संकल्प लें और पूजा करें।

📩 5. मंदिर नहीं है तो विकल्प?

  • नजदीकी भारतीय समुदाय या संगठनों से जुड़ें – जैसे ISKCON, Sanatan Mandir, Hindu Temple Associations
  • फेसबुक, व्हाट्सऐप ग्रुप्स पर भी भारतीय महिलाएं सामूहिक पूजा करती हैं।

❤️ भावनाओं का महत्व:

“पूजा का सार श्रद्धा और भावना में है, वस्तु और स्थान में नहीं।”

आप विदेश में रहकर भी इस व्रत को पूर्ण श्रद्धा से करें, आपकी आस्था ही आपकी शक्ति है।


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Why is Vat Purnima celebrated?

Vat Purnima is celebrated by married women for the well-being and long life of their husbands. It honors the legendary devotion of Savitri, who brought her husband Satyavan back to life through her unwavering faith and devotion.

What is the Vat Savitri fast?

The Vat Savitri fast is a ritual observed by married women, where they fast and worship the banyan tree to seek blessings for their husbands’ long life and prosperity, inspired by Savitri’s devotion to Satyavan.

What do we call Vat Purnima in English?

Vat Purnima is referred to as simply “Vat Savitri Purnima” in English.

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